ChatGPT : चैट जीपीटी से चलेगा ये देश? झटपट तैयार किया कानून, सरकार ने पास भी कर दिया

ChatGPT :ChatGPT की लॉन्चिंग के साथ, कुछ लोगों ने इसका विरोध किया है और उन्हें नौकरी की चिंता है। वे मशीनों के बढ़ते यात्रा को लेकर भी चिंतित हैं, जिससे उन्हें काम की कमी हो सकती है। कुछ लोग यह चिंता कर रहे हैं कि मशीनों का शासन आने वाला है, और इंसानों को मशीनों के कानून के अनुसार चलना होगा।

ChatGPT

ChatGPT यदि किसी दिन किसी देश ने AI को नियम तैयार करने का काम सौंपा, तो यह सामाजिक और नैतिक प्रश्नों को उठा सकता है। ब्राजील में AI द्वारा तैयार किए गए कानून को पास करना एक प्रेरणादायक कदम हो सकता है, लेकिन यह भी जिम्मेदारी और सुनिश्चितता की मांग करता है कि कैसे यह सिस्टम मानवीय मूल्यों को समर्थन करेगा।

क्या है पूरा मामला?

Porto Alegre के काउंसिल मेंबर Ramiro Rosario ने भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके लेजिस्लेटिव प्रॉसेस में समर्थन का दृष्टिकोण दिखाया है। उनका कहना है, “मशीने एक दिन इसानों के लिए कानून बनाएंगी।” यह एक नए दौर की शुरुआत को दर्शाता है, जिसमें AI ने नियम तैयार करने की प्रक्रिया में भूमिका अदा कर रखी है।

Porto Alegre इस विचार का उदाहरण है, जहां इस तकनीकी प्रौद्योगिकी को कानूनी प्रक्रिया में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें सुरक्षा, नैतिकता, और सामाजिक मानकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, ताकि यह समर्थनीय और समझदार नियमों का स्रोत बन सके।

15 सेकेंड में तैयार पूरा कानून

ChatGPT ने मात्र 15 सेकेंड में पानी के मीटर को लेकर कानून तैयार किया है, इससे दिखाते हुए कि AI व्यापक और त्वरित समाधानों के लिए सक्षम है। इस प्रैक्टिकल सॉल्यूशन ने एक लंबे समय से पेंडिंग मामले को हल करने में मदद की है और समर्थनीय परिणामों के साथ समाधान प्रदान किया है।

ChatGPT इस AI द्वारा दिखाए गए क्षमताओं के कारण, Ramiro Rosario के बचाव में होने वाले बेहतरीन उपयोग की उम्मीद है। इससे न केवल एक व्यक्ति को प्रभावित किया जा रहा है, बल्कि पूरे शहर के काउंसिल को भी एक सुरक्षित और स्थिर समाधान के लिए AI का सही उपयोग करने की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।

काउंसिल कर दिया AI के बनाए बिल को पास

ChatGPT शहर की काउंसिल ने लंबे समय से रुके हुए पानी के मीटर चोरी के मामले पर AI द्वारा बनाए गए बिल को पास कर दिया है। इस जनरेटेड बिल में, 30 दिनों की समय-सीमा तय की गई है, जिसमें सभी चोरी हुए मीटरों को बदलने का प्रस्ताव शामिल है।

ChatGPT इस निर्णय से, चोरी के कारण प्रॉपर्टी मालिकों को नए मीटर्स लगवाने पर छूट देने की सुविधा प्रदान की गई है। यह बिल समझदारी और न्याय के साथ एक स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाने में मदद कर रहा है और शहर के पानी के संसाधनों की बचत के लिए प्रोएक्टिव उपायों को प्रोत्साहित कर रहा है।

इस मामले का खुलासा बिल पास होने के बाद हुआ है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में AI का इस्तेमाल स्वीकृत हो रहा है। इस मामले ने दिखाया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार किया जा सकता है और न्यायपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।

ChatGPT पहली बार किसी एडमिनिस्ट्रेशन पॉलिसी में AI का इस्तेमाल होने से पहले, जो सार्वजनिक ने एक नई दिशा दिखाई है और इस तकनीकी उपाय को स्वीकार करने का संकेत दिया है। यह एक सकारात्मक प्रगति का परिचय है, जो सार्वजनिक सेवाओं में सुधार की दिशा में हो रही है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शासन के कार्यों में एक उपयोगी और सकारात्मक साधन के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।

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