Generations of Computer : जेनरेशन ऑफ कॉप्यूटर क्या है जाने इसके बारे में पूरा जानकारी हिंदी में ।

Generations of Computer : कंप्यूटर की विकास को विभिन्न पीढ़ियों में विभाजित करके उसे “कंप्यूटर जनरेशन” कहा जाता है. ये पीढ़ियाँ इतिहास के अनुसार विभिन्न प्रौद्योगिकियों और संरचनाओं के साथ जुड़ती हैं.

Generations of Computer

Computer of History

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer):

Generations of Computer कंप्यूटर का इतिहास बहुत रूप से विकसित हुआ है, जिसमें विभिन्न युगों और पीढ़ियों में अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं।

1. प्राचीन कल (Ancient Era): गणना की आवश्यकता से ही कंप्यूटर का आरंभ हुआ था। विभिन्न भूगोलीय और गणितीय अभ्यासों के लिए उपकरणों का उपयोग किया जाता था।

2. मेकैनिकल कैलकुलेटर्स (Mechanical Calculators): 17वीं और 18वीं सदी में, पहली मेकैनिकल कैलकुलेटर्स का निर्माण हुआ, जैसे कि ब्लेज पैस्टिंग मशीन और पास्कालीन।

3. पहली पीढ़ी कंप्यूटर (First Generation Computers): 1940 और 1950 के दशक में, वैक्यूम ट्यूब्स और बिजली के स्विच का उपयोग करके पहली पीढ़ी के कंप्यूटर विकसित हुए, जैसे कि ENIAC।

4. ट्रांजिस्टर और सेकंड जनरेशन (Transistors and Second Generation): 1950 के दशक में ट्रांजिस्टर्स का आविष्कार हुआ, जिससे सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर्स विकसित हुए, जैसे कि IBM/360।

5. माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंप्यूटर्स (Microprocessors and Microcomputers): 1970 के बाद, माइक्रोप्रोसेसर्स के आगमन ने माइक्रोकंप्यूटर्स की शुरुआत की, जिनमें पर्सनल कंप्यूटर्स भी शामिल हैं।

6. इंटरनेट और आधुनिक युग (Internet and Modern Era): 1990 के दशक में इंटरनेट का उपयोग कंप्यूटरों के बीच जानकारी साझा करने के लिए हुआ, जिससे सुगम और व्यापक आपसी संवाद का आरंभ हुआ।

इस रूप से, कंप्यूटर का इतिहास विभिन्न युगों में विकसित हुआ है और इसने मानवता को एक नए तकनीकी युग में पहुंचाया है।

Computer Generation पढ़े 

Generations of Computer कंप्यूटर की विकास रूप में विभिन्न पीढ़ियों में हुआ है: पहली पीढ़ी (1940–1956) में वैक्यूम ट्यूब्स का प्रयोग किया गया। दूसरी पीढ़ी (1956–1963) में ट्रांजिस्टर्स का आविष्कार हुआ, जिससे स्पीड और दक्षता में सुधार हुआ। तीसरी पीढ़ी (1964–1971) में ICs (Integrated Circuits) ने साझा संगठित किया, जो कंप्यूटरों को कंपैक्ट और शक्तिशाली बनाया। चौथी पीढ़ी (1971–1980) में माइक्रोप्रोसेसर्स ने कंप्यूटिंग को व्यक्तिगत और उदार बनाया। पाँचवीं पीढ़ी (वर्तमान और आगे) में AI, जेनेटिक्स, और न्यूरल नेटवर्क्स जैसी तकनीकों में विकास हो रहा है, जो मानव-मशीन संबंधों में नए दिशानिर्देश प्रदान कर रहा है।

Computer Of first Generations

पहली पीढ़ी कंप्यूटर (1940–1956):

पहली पीढ़ी कंप्यूटर, जिसे 1940 से 1956 तक का Generations of Computer समय माना जाता है, विज्ञान और गणित के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्रांति का प्रतीक था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स का प्रयोग होता था, जो बिजली के स्विचिंग के लिए उपयोगी थे। ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) इस पीढ़ी का प्रमुख उदाहरण था, जो 1946 में सक्रिय हुआ और साधन में बड़ी संख्याओं की गणना करने के लिए बनाया गया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर बड़े, भारी, और उच्च बिजली की खपत वाले थे, लेकिन इसने आगामी पीढ़ियों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ

Generations of Computer पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के कई लाभ थे:

1. गणना में तेजी: इन कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स का प्रयोग होने से गणना में तेजी होती थी, जो पहले के यंत्रों की तुलना में बेहतरीन थी।

2. सांख्यिकीय कार्यों में सहारा: इन कंप्यूटरों का मुख्य उद्देश्य बड़ी संख्याओं की गणना था, जैसे कि बैंक के खाता संरचना और राजस्व में गणना करना।

3. प्रोग्रामिंग तकनीक का आरंभ: पहली पीढ़ी के Generations of Computer कंप्यूटरों में प्रोग्रामिंग तकनीक की शुरुआत हुई, जिससे आगामी पीढ़ियों में बेहतर सॉफ़्टवेयर डेवेलपमेंट हुआ।

4. वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान: इन कंप्यूटरों ने Generations of Computer वैज्ञानिकों को भूगोल, भूतिकी, और अन्य वैज्ञानिक अनुसंधान में सहायक बनाया, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में विकास हुआ।

5. कंप्यूटर तकनीक का आधार: पहली पीढ़ी के Generations of Computer कंप्यूटरों ने कंप्यूटर तकनीक का आधार रखा, जिसका विकास आगामी दशकों में हुआ और नए संस्करणों को उत्पन्न किया।

Generations of Computer

Computer of २nd Generations

दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर (1956–1963): 

1956 से 1963 तक की दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ने तकनीकी सुधार करके कंप्यूटिंग को मोडर्न बनाया। इस पीढ़ी में ट्रांजिस्टर्स का प्रयोग हुआ और कंप्यूटरों की आकार, स्थूल, और बिजली की खपत में कमी आई।

Coomputer of २nd Generations लाभ

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के लाभ:

1. स्थूल और सुधारित डिजाइन: दूसरी पीढ़ी के Generations of Computer कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर्स के उपयोग से कंप्यूटरों का आकार कम हुआ और डिजाइन में सुधार हुआ, जिससे उन्हें पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में उत्कृष्टता मिली।

2. कम बिजली की खपत: ट्रांजिस्टर्स का प्रयोग करने से कंप्यूटरों की बिजली की खपत में कमी हो गई, जिससे उनका उपयोग अधिक स्थानों पर हो सका।

3. उच्च गति और प्रदर्शन: इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में गति में सुधार हुआ, जिससे कंप्यूटिंग का कार्य तेजी से होने लगा।

4. सुधारित सॉफ़्टवेयर और प्रोग्रामिंग: इस युग में प्रोग्रामिंग भाषाओं में सुधार हुआ और सॉफ़्टवेयर डेवेलपमेंट में वृद्धि हुई, जिससे कंप्यूटरों को आम लोगों के लिए अधिक पहुंचने में सहायक हुआ

5. पॉर्टेबिलिटी का आरंभ: इस पीढ़ी में कंप्यूटरों की पॉर्टेबिलिटी में भी सुधार हुआ, जिससे उन्हें विभिन्न स्थानों पर स्थापित करना आसान हुआ।

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