राज्य और स्थानीय सरकारों की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाएँ:-
विषय सूची (Table of Contents)
1. प्रस्तावना
2. शिक्षा क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाएँ
3. स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की योजनाएँ
4. महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा योजनाएँ
5. कृषि और ग्रामीण विकास योजनाएँ
6. रोजगार एवं स्वरोजगार योजनाएँ
7. शहरी एवं स्थानीय निकायों की पहल
8. डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की योजनाएँ
9. योजनाओं की सफलता और चुनौतियाँ
10. उपसंहार
1. प्रस्तावना
भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में जनकल्याणकारी योजनाएँ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का मुख्य माध्यम हैं। राज्य और स्थानीय सरकारें समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से वंचित और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समय-समय पर योजनाएँ बनाती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कृषि, रोजगार जैसे क्षेत्रों में प्रभावी बदलाव लाए जाते हैं।
2. शिक्षा क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाएँ
राज्यों द्वारा शुरू की गई शिक्षा योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बालकों विशेष रूप से बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और ड्रॉपआउट दर को कम करना है। मध्य प्रदेश की ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’, राजस्थान की ‘राजश्री योजना’, बिहार की ‘मुख्यमंत्री साइकिल योजना’, दिल्ली की ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ और हरियाणा की ‘सुपर 100’ योजना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हुई हैं। इन योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति, मुफ्त पाठ्य सामग्री, स्मार्ट क्लासरूम, लैपटॉप वितरण जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
3. स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की योजनाएँ
राज्य सरकारें व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और मुफ्त बनाने हेतु कई योजनाएँ चला रही हैं। राजस्थान की ‘चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’, महाराष्ट्र की ‘महात्मा फुले जन आरोग्य योजना’, आंध्र प्रदेश की ‘वाईएसआर आरोग्यश्री’, और तमिलनाडु की ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ लोगों को महंगे इलाज से राहत प्रदान करती हैं। साथ ही, मोबाइल हेल्थ वैन, मुफ्त दवाइयाँ, जांच केंद्र और एंबुलेंस सेवाओं की व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
4. महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा योजनाएँ
महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने हेतु राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं। तेलंगाना की ‘कल्याण लक्ष्मी’ और ‘शादी मुबारक’, उत्तर प्रदेश की ‘कन्या सुमंगला योजना’, मध्य प्रदेश की ‘मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना’ और दिल्ली की ‘दिल्ली महिला सखी योजना’ महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं में वित्तीय सहायता, सुरक्षा, प्रशिक्षण और स्वरोजगार से जुड़ी सुविधाएँ शामिल हैं।
5. कृषि और ग्रामीण विकास योजनाएँ
कृषक समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। जैसे, तेलंगाना की ‘रायथु बंधु योजना’, ओडिशा की ‘कालिया योजना’, पंजाब की ‘किसान राहत योजना’, और मध्य प्रदेश की ‘मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना’। इन योजनाओं में किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, कृषि यंत्र सब्सिडी, सिंचाई सहायता और फसल बीमा जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
6. रोजगार एवं स्वरोजगार योजनाएँ
देश के युवा वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकारें अनेक स्किल डवलपमेंट एवं स्वरोजगार योजनाएं चला रही हैं। झारखंड की ‘सखी मंडल योजना’, बिहार की ‘कौशल विकास मिशन’, राजस्थान की ‘राजीव गांधी ग्रामीण आजीविका मिशन’ और उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही हैं। इन योजनाओं के तहत प्रशिक्षण, ऋण सहायता, मार्केट एक्सेस और मार्गदर्शन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
7. शहरी एवं स्थानीय निकायों की पहल
शहरी विकास एवं नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने में स्थानीय निकायों की भूमिका अहम होती है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), अमृत योजना, स्मार्ट सिटी मिशन के अलावा कई नगरपालिकाएं स्वयं डिजिटल सेवाएं, कचरा प्रबंधन, जल आपूर्ति और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग कर रही हैं। पंचायत स्तर पर भी मनरेगा, ग्राम सभाएँ और जन सुनवाई जैसी व्यवस्थाएं ग्रामीण लोकतंत्र को मज़बूती प्रदान कर रही हैं।
8. डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की योजनाएँ
राज्य सरकारें अब योजनाओं को डिजिटल रूप में लागू कर रही हैं ताकि पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की जा सके। उदाहरण के लिए डिजिलॉकर, जन सेवा केंद्र, ऑनलाइन आवेदन प्रणाली, मोबाइल एप्स और बायोमेट्रिक सत्यापन जैसी पहलें भ्रष्टाचार को रोकने में मदद कर रही हैं। आंध्र प्रदेश की ‘ई-प्रगति’, केरल की ‘डिजिटल ग्राम योजना’, और गुजरात की ‘ई-नगर सेवा’ उल्लेखनीय उदाहरण हैं।
9. योजनाओं की सफलता और चुनौतियाँ
इन योजनाओं ने लाखों लोगों को लाभ पहुँचाया है लेकिन अब भी कई चुनौतियाँ बाकी हैं जैसे – जानकारी की कमी, जमीनी स्तर पर निगरानी की कमजोरी, भ्रष्टाचार और तकनीकी दिक्कतें। जरूरत है कि योजनाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाए, और जरूरतमंदों तक सीधा लाभ पहुँचे, इसके लिए सिस्टम को और सरल व जवाबदेह बनाया जाए।
10. उपसंहार
राज्य और स्थानीय सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाएँ देश के विकास की रीढ़ हैं। इनके बेहतर क्रियान्वयन से हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचा सकते हैं। नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन की जवाबदेही ही इन योजनाओं को सफल बना सकती हैं।
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