World Cup: वर्ल्ड कप क्रिकेट के फाइनल में हार मिलने के बाद टीम इंडिया को मिला कपिल देव का साथ और वह खिलाड़ियों से बोले “आगे बढ़ना होगा” !

World Cup : कपिल देव ने हाल ही में बताया कि वह विश्व कप फाइनल के दौरान स्टेडियम में गए नहीं थे, World Cup और उन्हें फाइनल के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया था। उन्होंने इस बात का इशारा किया कि उन्हें 1983 की विजेता टीम के सभी सदस्यों के साथ मैच देखना चाहिए था,

लेकिन उन्हें स्टेडियम में बुलाया नहीं गया। इस घटना ने कई प्रश्नों को उत्तरित करने की आवश्यकता पैदा की है, और यह स्पष्टीकरण करता है कि क्रिकेट इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित रखना आवश्यक है।

विस्तार

World Cup भारतीय क्रिकेट टीम ने विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार प्राप्त की है, जिससे टीम के प्रशंसकों में निराशा छाई है। यह नाता जोड़ते हुए, 1983 के विश्व कप जीतने वाले कप्तान कपिल देव ने टीम को साहस और समर्थन का संदेश दिया है। उनका कहना है कि हार के बाद गलतियों से सिख लेना महत्वपूर्ण है और टीम को आगे बढ़ने के लिए पुनरावलोकन करना चाहिए।

World Cup

World Cup हार के बाद सोशल मीडिया पर हुए ट्रोलिंग की बातें सोचने पर रोका जा सकता है, क्योंकि इससे खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है और यह खेल में सकारात्मक माहौल को प्रभावित कर सकता है। इस समय, प्रशंसकों को टीम का साथी बनकर, उन्हें समर्थन देने का समय है, ताकि वे अपनी कमजोरियों से सीधे मुकाबले कर सकें और आगे बढ़ सकें।

World Cup कपिल देव ने जवाब में कहा कि खिलाड़ियों को हार के बाद सदमे में नहीं, बल्कि आगे बढ़ने का समय है। उन्होंने कहा कि हार को एक बड़ा पथरों का सुइ मानना चाहिए और कहा, “आप ये नहीं कह सकते हैं कि एक हार हुई है तो उसे सारी उम्र साथ रखें।”

World Cup उनका सुझाव था कि खिलाड़ियों को जो हुआ, उसे बदला नहीं जा सकता, लेकिन उन्हें कड़ी मेहनत करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने खेल में आत्मविश्वास बनाए रखने की महत्वपूर्णता पर चर्चा की और गलतियों से सीखने की अवसरों को महत्वपूर्णता दी। उन्होंने इस घड़ी में से सीधे सिक्के की दूसरी ओर देखने की अपील की।

फाइनल के दिन स्टेडियम में नहीं थे कपिल देव

World Cup विश्व कप फाइनल के दिन, सबका ध्यान स्टेडियम की ओर था, लेकिन कपिल देव वहां नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति ने सवाल उत्पन्न किया, और हाल ही में उन्होंने इस पर खुलासा किया है। उन्हें फाइनल के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया था, जो उन्हें आघात पहुंचाया।

वह 1983 की विजेता टीम के सभी सदस्यों के साथ World Cup स्टेडियम में होना चाहते थे, लेकिन उन्हें बुलाया नहीं गया। इस इन्सिडेंट ने सवाल उठाया कि क्या सम्मान उन्हें मिला है, और क्या किसी ने उनकी अद्भुत क़ीमती साझेदारी को महसूस किया है। इससे साफ होता है कि कभी-कभी ऐतिहासिक जीत का सवाद अधिक महत्वपूर्ण होता है जब उसे साझेदारी से जोड़ा जाता है।

मैच में हुआ क्या जाने ?

मैच में ऑस्ट्रेलिया ने प्रभावी गेंदबाजी के साथ भारत को हराया। पैट कमिंस ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया, और भारतीय टीम ने 50 ओवरों में 240 रन पर सिमट लिए।

World Cup ऑस्ट्रेलिया ने मुश्किल स्थिति में भी 43 ओवरों में चार विकेट पर 241 रन बनाकर मैच जीत लिया। ट्रेविस हेड ने बेहतरीन पारी खेली और 141 रन बनाए, जबकि मार्नश लाबुशेन ने 58 रन नाबाद बनाए। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय बैटिंग लाइन को परेशान किया और मैच को अपने हाथ में कर लिया।

World Cup मोहम्मद सिराज ने नौ रनों के साथ सहारा देने के लिए भी प्रशंसा पाई, जबकि जसप्रीत बुमराह का एक रन बनाना भी महत्वपूर्ण था। भारतीय बैटिंंग लाइन ने मिचेल स्टार्क के स्वाभाविक गेंदबाजी का सामना किया, जिन्होंने तीन विकेट हासिल किए और ऑस्ट्रेलिया को बैटिंंग के बारे में सोचने पर मजबूर किया। भारतीय टीम को समझने और तय करने का समय है कि कैसे वे आगे बढ़ सकते हैं, और कैसे इस हार को एक सीख में बदल सकते हैं, जिससे उनकी क्रिकेट जीवनशैली को और भी मजबूती मिले।

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